एक लप्रेक हमारी तरफ से भी- "तुम मुझे छोड़ के भाग तो नहीं जाओगे ना?, लोन बोली। "अरे पगली, तू इंसानों वाले वहम क्यों पाल रही? खासकर औरतों वाले? तू तो मेरा ब्लैंक चेक है। तुझे छोड़ कर मैं कैसे भाग सकता हूँ?", वो बोला। "लेकिन अब तो मैं डिफ़ॉल्ट भी हो गयी, अब तो मेरे अब्बा मियाँ से बात कर ले.. ऐसे अच्छा नहीं लगता घूमना फिरना अब। पहले की बात और थी, लेकिन लोग अब जाने क्या क्या कहते हैं तेरे और मेरे बारे में... देख तू अपनी बात तफ़सील से बयां करेगा तो अब्बा भी मान जायेगा." "तुझे क्या लगता है कि तेरे अब्बा मियाँ से डरता हूँ मैं? तेरे अब्बा मियाँ से मुझे बात करने की जरूरत नहीं। मेरा अब्बा उसे आप ही समझा देगा। अभी जरा वो मूर्तियाँ तोड़ने तुड़वाने में बिजी है। तुझे मालूम नहीं क्या कि काफ़िरों के वतन में जीत हासिल की हमने?"