सिलसिले का आगाज़ ना कर तो बेहतर है मुझे अपना हमराज ना कर तो बेहतर है ।। उठने ना लगे तुझपे दुनिया की उंगलियां मेरे ज़ख्मों का इलाज ना कर तो बेहतर है ।। ना पेश आ इतनी मोहब्बत से तू मुझसे सख्त ही रख अपना मिज़ाज तो बेहतर है ।। मुझसे जुदा होना तेरे हक में है जाना वफा का ना कर लिहाज तो बेहतर है ।। तेरे अपनों का फैसले में तेरी भलाई होगी तेरा अब मुझसे बेनियाज होना बेहतर है ।। मुझे याद कर के तबाह ना करना अपनी खुशी अब तू मुझे भूल ही जा तो बेहतर है ।। ये कहानी जिसे हम मुकम्मल नहीं कर सकते ये फसाना यही खत्म हो जाए तो बेहतर है सिलसिले का आगाज़ ना कर तो बेहतर है मुझे अपना हमराज ना कर तो बेहतर है ।। उठने ना लगे तुझपे दुनिया की उंगलियां मेरे ज़ख्मों का इलाज ना कर तो बेहतर है ।। ना पेश आ इतनी मोहब्बत से तू मुझसे सख्त ही रख अपना मिज़ाज तो बेहतर है ।। मुझसे जुदा होना तेरे हक में है जाना वफा का ना कर लिहाज तो बेहतर है ।।