मेरे सितारों को आँकने वालों मजबूरियों में मेरी झाँकने वालों मेरा अंदाज़े सुख़न तुम्हारे बस का नहीं पैमाइश तुम्हारी मेरी जफ़ा नफ़स का नहीं है साया आसमानी शिफ़ाया सर पे मेरे मोहताज़ छत दीवारो ज़र पत्थर का नहीं तेरी बेवफ़ाई से मोहब्बत का अदब सीखा है मेरा अंदाज़े इश्क़ इसलिए कुछ और मीठा है आँखों में ज़ोया ज़िन्दगी उधार मार्फ़त तो नहीं दिली जज़्बा है! वक़्ती तूफ़ाँ फ़क़त तो नहीं मैं भी गुज़र जाऊँगा बात तय है मगर लौट जाऊँगा बेरंग बात कोई सच तो नहीं #toyou#yqpoetryempowers#findingin#yqlife#yqfate#yqpassion