उसको पाने के हँसी ख्वाबों को पाले बैठा हूँ; आजकल मैं बड़ी कशमकश में रहता हूँ। दिल को कितना समझाता हूँ; पर राजी नहीं कुछ मानने के लिए, अक्सर उसी के ख्यालों में खोया रहता हूँ। उसकी मुस्कराने की अदा गजब-कातिलाना है; उसके हंसी चेहरे को यादों में बसाए रहता हूँ।