Last part काफी वक़्त हो गया स्टोरी का अगला पार्ट नहीं आया, ये स्टोरी मै पहले ही अपने डायरी में पूरी लिख चुकी हूँ, पर पता नहीं क्यों इसके पांचवें और अंतिम भाग को नहीं लिख पा रहीं थीं, आज फिर कोशिश की है इसे आगे बढ़ाने की.... पहले सभी भाग का सारांश कुछ इस प्रकार हैं :- प्रदीप जिस पर ये कहानी लिखी गयी है, वो अपने दोस्तों के साथ घूमने जाता है जहाँ उसके अतीत की यादों को वजह से परेशान रहता है वही उसकी दोस्त दीप्ति उससे उसकी परेशानी की वजह पूछती है तब प्रदीप दीप्ति को अपनी और रिया की कहानी सुनाता है। जिसे वो कोई जरूरी कॉल आने के कारण पूरी नहीं सुना पता है। और रात भी काफी हो जाती है तो दीप्ति और प्रदीप अपने अपने रूम मे चले जाते है.. अब आगे की कहानी.. प्रदीप बेड पर लेटा तो बस रिया की यादे उसकी आँखों के सामने आ रहीं थीं। वो बस रिया की बारे मे सोचते सोचते सो गया था, कब उसकी नींद लग गयी और कब सुबह के 9 बज गए उसे पता ही नहीं चला, उसके रूम के दरवाज़े पर किसी ने knock किया। तब उसकी नींद खुली, उसने उठकर देखा तो सामने दीप्ति थी वो भी coffee के साथ प्रदीप - सोयी ही नहीं क्या मेरी story सुन कर इतनी excited हो गयी जो सुबह सुबह आ टपकी वो भी coffee के साथ. (प्रदीप दीप्ति को देख कर बोला) दीप्ति - ओ हैलो mr. प्रदीप जी सुबह सुबह क्या?