नकाबों के पीछे चेहरा छिप जाता है, झूठ के बाज़ारों में सच बिक जाता है, यहाँ पल-पल रंग बदलती हैं दुनियाँ, अपनों में ग़ैरों का मंसूबा छुप जाता है, क्या रखे उम्मीद-ए-वफ़ा अब कोई उनसे, वक़्त पर तो साया भी साथ छोड़ जाता है अपना नहीं कोई यहाँ हर तरफ़ सिर्फ धोखा है रूह से आज़ाद तो जिस्म भी मुर्दा हो जाता है, वक़्त की धूल ने छुपा दिया रंग चेहरों का, बरसात में तो शाख का पत्ता भी धूल जाता है, किस पर करे यकीं सब ने दिल तोड़ा है "कुमार" गर्दिशों में सितारा भी टूट के जमीं पर गिर जाता है, — Kumar✍️ ©Kumar #जूठे_रिश्ते #nojotoweiter indira 😌Dil_ke_Alfaz😌💔😔 Darshan राaj...✍️