-आखरी मुलाकात- शाम ढलती जा रही थी, उनके कदम भी आगे की ओर बढ़ रहे थे। हैरान था दिल भी मेरा बहुत, उनके नैना भी पीछे की ओर न मुड़ रहे थे। मुझसे दूर जाते उनके कदम, गुजरे पल बया कर रहे थे। थी वो आखरी मुलाकात हमारी, हम खुद से हया कर रहे थे। सारी खुशियाँ सारी यादे सारे प्यार के पल, उस शाम के साथ ढलते जा रहे थे। उसने देखा भी न मुड़ कर पीछे, वो सारे ख्वाबो को छलते जा रहे थे। #आखरीमुलाकात #एकमुलाकात