मुझमें पहले सी इबादत नही, तुम्हे मालूम हैं ना शोखीयत की मोहब्बत नहीं,तुम्हे मालूम हैं ना लौटने का इरादा कर लिया तूने, बेशक कर मुझे वस्ल की चाहत नही, तुम्हे मालूम हैं ना दिल धड़कता हैं और साँसे चलती हैं ज़िस्म मे मग़र रूह को अब भी राहत नही,तुम्हे मालूम हैं ना खुद को बर्बाद कर रहा हूँ मैं तेरी ही फ़ुर्कत मे. तुझे याद करने तक की फुर्सत नही, तुम्हे मालूम हैं ना तुमने थामा रकीब का हाथ मुझसे बेहतर कहकर मुझे अब तक हुई हैरत नहीं, तुम्हे मालूम हैं ना. @Satya Thakur #satya_thakur #कलम_thought #LastDay