वक़्त धीमे धीमे पाओ बढता चला गया तन्हाई चुप रही प्यार कुछ कह गया किसीने ना देखा कहा फिर चला गया सनम समझा सको तो मुझको बता दो सनम बाहों में समा लो और कुछ ना कहो बेचैन साँसे क्यूँ हैं कुछ तो कहो ना मचलती यह धड़कन क्यूँ है कुछ तो कहो #bachain