जला कर रावण तुम भी कहां राहत पाओगे जो ढूंढो मन में श्री राम तो ही दशहरा के मायने समझ पाओगे मर्यादा पुरषोत्तम श्री राम थे मगर रावण ने भी कभी मर्यादा नहीं लांघी स्त्री की मर्यादा का मान रखो तो ही दशहरा के मायने समझ पाओगे एक आदेश पे माता पिता के जो श्री राम ने राज पाट सब त्यागा आदर करो माता पिता का तो ही दशहरा के मायने समझ पाओगे आत्म - ज्ञान हुआ और निकला बुराई के पथ से विभीषण अंत करो अंदर की बुराई का तभी दशहरा के मायने समझ पाओगे अन्तर्यामी भगवान होकर भी श्री राम ने सीता से अग्निपरीक्षा मांगी ना देनी पड़े किसी सीता को अग्निपरीक्षा तभी दशहरा के मायने समझ पाओगे A_tale _for_you #दशहरा #रावण #dussehra #navratri #raavan #nojotohindi #hindipoetry #nojoto #nojotowriters #dailychallenge #quotes #thoughts