समेट लेने दो...बिखरता मन किलसती सासों का क्रम आवर्त प्रत्यावर्त में गूँजते अनुक्रम या फिर बिखर ही जाने दो टूटकर...आशाओं के आँकुल क्षण कैसा है ये संकेन्द्रण...गुम्फित प्रण निर्झर! बहने दो, रहने दो ये विचलन #toyou#missingmoon#yqintrostpection#yqstrangeness