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जोश-ए-जवानी में हम लाखों गुनाह कर बैठे हमें मा

जोश-ए-जवानी  में  हम  लाखों
गुनाह कर बैठे
 हमें मालूम न था खुदा को मनाने
कि उम्र ही जवानी है

©अरफ़ान भोपाली #Parchhai #jawani #ishq #shayri #poetry #poem
जोश-ए-जवानी  में  हम  लाखों
गुनाह कर बैठे
 हमें मालूम न था खुदा को मनाने
कि उम्र ही जवानी है

©अरफ़ान भोपाली #Parchhai #jawani #ishq #shayri #poetry #poem