कोई तो है जो निज़ाम- ए- हस्ती चला रहा है, वो ही ख़ुदा है, दिखाई भी जो न दे, नज़र भी जो आ रहा है, वो ही ख़ुदा है # #शाम-ए -महफ़िल #ख़ुदा #नुसरत