[16/06, 08:06] *🙏🏻🙌🏻❤ हरि ऊँ ❤🙌🏻🙏🏻* *सत्यं वदन्ति:* दूसरों की चर्चा कर के जब वही उर्जा शक्ति पुन: लौट कर वक्ता के पास आती है, तो उसके साथ अनंत वैसी ही विभिन्न उर्जा विद्यमान होती है, यह निर्भर करता है कि किसने किस बात की चर्चा की थी, उसका पूरा औरा *(शरीर के बाहरी आकार के हवाई भाग का सुरक्षा मण्डल)* उसी उर्जा की दीवार खड़ी कर देता है। इसलिए सदैव, चर्चा गुणों की ही करनी चाहिए।। *🙏🏻🙌🏻 ❤❤ जै माँ 🙌🏻❤❤🙏🏻* jvs9366@gmail.com अच्छा सोचे, समझें, अनुभव करें एंव बोलें क्योंकि