जैसे जैसे मुझको सहारा मिलता जा रहा था मैं धीरे धीरे ही सही मगर फिसलता जा रहा था बड़ी मुश्किल से तो मेरी कल की रात बीती थी एक और दिन उसके बगैर गुजरता जा रहा था उसको समझाते समझाते ऐसी हालत पर पहुंचा मैं खुद ही खुद के नज़रों से उतरता जा रहा था मेरे पुराने ज़ख्मों के भर जाने से पहले, मुझको नया ज़ख्म बहुत सा यार मिलता जा रहा था एक और दिन उसके बगैर गुजरता है रहा था💖💗💓💞💕 #shayari #gazal #poetry #love #missingyou