सांसे ले रहा था मगर वो जिंदा ना था आप समझे नही साहब वो इश्क का परिंदा था बिछड़ गया था यार उसका जमाने की आंधियों में गम उसको उसके मरने का जरा भी ना था। ©Zainab siddiqui #ishqkaparinda #zainabkishayri #fourlinepoetry