जीवन के ताने बाने में कुछ भूल हुई अन्जाने में, इस दिल पर धूप ही धूप रही इक उम्र ही तन्हा बीत गयी, अपनो को अपना बनाने में, मैं कौन हूं ये समझाने में। कभी रूठ गया कभी छूट गया ये ख़्वाब हि था जो टूट गया, हम सहरा सहरा फिरा किये थे प्यास के दरिया बहा किये। कई ख़्वाहिश थी कोई चाह भी थी कहीं मन्जि़ल थी कोई राह भी थी। है धुंध ही धुंध निगाहों में हम अहले- वफा़ की राहों में उसे ढूंढने निकले यादों में और खा़र मिले बस राहों में अब ख़्वाब नहीं है आंखों में वो नींद नहीं अब रातों में। न खु़शबू रही गुलाबों में न खु़श्क गुलाब किताबों में। जिस इश्क़ को आसां समझा था जो इश्क़ कभी इक लम्हा था। हर सांस में अब वो जि़न्दा है मेरी रूह में अब वो तन्हा है हर लम्हे में पोशीदा है, हर ज़र्रे में ताबिंदा है। #yqaliem #yqbhaijan #nazm #ahlewafa #ishq ख़ार - कांटे , thorn ताबिंदा - luminous पोशीदा - hidden