दुनिया के सर्वाधिक द्रुतगामी जीवों में भी कभी ठहर जाने की अथक तृष्णाएँ उभरती हैं। कविता गति के अंतिम छोर तक... रचनाकार - प्रियंतरा भारती @priyantara_bharti