तेरी-मेरी बात मैं जह़ां से गुजरती हूँ गलियारों में होने वाली गुफ़्तगू और ये वैरऩ हवा सब चिढ़ाने लगे हैं मुझे तेरा नाम लेकर एक तू है जो कब से मुंह सिले हुए है ...... #तेरी_मेरी#बातें