अपनी ही उलझनों में खोई है शब भर आँख तेरी रोई है ज़िन्दगी! तुझसे मैं क्या सवाल करूं धड़कनों का हिसाब कोई है पेट की आग में जल रहा चूल्हा ख़्वाब की रूह भूखी सोई है रिहायशी मकां में रह रहें हैं परदेसी देस में अब साझी कहां रसोई है ख़ाक उड़ती है उन दालानों में अब वहां अपनापन किस्सागोई है #toyou #चांदतुमसेक्याकहें #yqlife #yqdespardes #yqlove #yqestrangement