जब कश्ती साबितो-सालिम थी, साहिल की तमन्ना किसको थी, अब ऐसी शिकस्ता कश्ती पर, साहिल की तमन्ना कौन करे। -मुइन अहसन 'जज्बी' 1. साबितो-सालिम - ठीकठाक 2. साहिल - किनारा, तट 3. शिकस्ता - टूटी हुई only poetry