अब अपने प्रिय के आने का इंतजार करते हैं खता क्या है हमसे वो मिलने से इनकार करते हैं मोहलत की गुजारिश भी किये है जब वक़्त से निगाहें अब दहलीज पर मिलने से इतबार करते है - Prakash uikey #pkshayari6750