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मैं इसके नाज उठाता हूँ तो ये अहसान नही करती, ये मि

मैं इसके नाज उठाता हूँ तो ये अहसान नही करती,
ये मिट्टी मेरे हाथों को मेला नही करती,
शहीदों और क्रांतिकारियों की जमीं है जिसे हम हिंदुस्तान कहते है,
माँ अगर बंजर भी हो जाये तो बुजदिल पैदा नही करती।।

#इंकलाब_जिंदाबाद ✊✊✊

©भगत सिंह