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ख़बार अच्छी है, और मेरी है...!🥹 ( a ) उसे

ख़बार अच्छी है, और मेरी है...!🥹




(  a )     उसे डर है मेरे साथ आने पर बदनाम होने का

       इसलिए मै अल्फाज़ में, उसको छुपाता हूं...!🥹

(  B )             लोग पूछते है मुझें मेरे शायरी का सबब            

             तो मै अपनी मोहब्बत को, एकतरफा बताता हूं...!🥹

©kishan mahant 
  #ख़बार अच्छी है, और मेरी है,...!🥹

#ख़बार अच्छी है, और मेरी है,...!🥹 #विचार

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