तेरे चेहरे पर मेरी नजरे यूं आकर रुकी, कि मेज पर रखे रह गए कप चाय के, सुनो, अपनी मोहब्बत की शाहिद है ये चाय, मेरी नजरे जो रुकी तो शर्माके तेरी पलकें झुकी, तेरा यूं शर्माना पलकें झुकाना,नींदें उड़ा गई मेरी रातों की। तेरे चेहरे पर मेरी नजरे यूं आकर रुकी, कि मेज पर रखे रह गए कप चाय के। -लफ़्ज-ए-प्रशान्त✍🏻 ©Prashant Badal चाय और तुम... #लफ्ज़_ए_प्रशान्त #Love #Tea #लव #pyaar #Shayari #Quotes #Hindi #Poetry