चराग़ों से त'अल्लुक का दिखावा कब तलक करते! अंधेरों में वो छुप-छुप कर नज़ारा कब तलक करते! ये नफ़रत के पुजारी हैं, हैं बेहद स्याह दिल 🖤 इनके, मुहब्बत की निशानी को गंवारा कब तलक करते! कि सदियों से जो बातिल की परस्तिश करते आए हैं, ख़ुदा के नाम पे आख़िर गुज़ारा कब तलक करते! वो रोज़-ओ-शब अदावत के बहाने ढूंढते हैं बस! तो उनकी साज़िशों से हम किनारा कब तलक करते! नज़र आती है हर शय में उन्हें बदसूरती अपनी, उन्हें हम मुंह लगाकरके ख़सारा कब तलक करते! #yqaliem #tajmahal #baatil #syaah_dil #nafrat_ke_pujari #muhabbt_ki_nishani #yqurdu Baher: 1222 1222 1222 1222 स्याह: dark, black बातिल: Falsehood