तुमने कहा कि मैं मैं नही हूँ, अरे तो फिर कौन हूँ मैं, मैं ऐसा नही और मैं वैसा नहीं, तुम्हारी समझ के जैसा नहीं। मैं बुरा नही मैं अच्छा नही, ठीक है कि अब मैं बच्चा नहीं। मैं सुबह नही और मैं शाम नही, तुम्हारी समझ मे मै राम नही, मैं मोहित नही मैं माया नही, ठीक है कि अब मैं छाया नही। मैं तुम सा नही मैं हम स नही, तुम्हारी समझ मे कोई गम स नही, मैं खामोश नही मैं कोई बात नही, मैं मैं हूँ मैं कोई मुलाकात नही। M.S.Writes... #Main ...