पूरी तरह शामिल थे उनमे फिर भी पता नही क्यु उनके दिल तक नही पहुंचे|" खो बैठे थे उनमे कुछ इस तरह कि ढूढना मुश्किल था| फिर पता नही क्यु उनकी धडकन तक नही पहुंचे| लौटना चाहता हू मगर अजीब गलियां थी| उन तक पहुंचने की| कि साहब अभी तक हम अपने घर नही पहुंचे| #I. m