सकूं के लम्हें गुज़ार लें आओ अकेले चांद को निहार लें आओ ये सितारे , ये सैयारे और ये चांद मुठ्ठीयों में कैद करके उतार लें आओ तुम्हारी जुल्फें उलझी हुई हैं बरसों से पास बैठों इनको संवांर लें आओ पास बैठो न मोहब्बत की बातें करें इन वादियों में खुद को पुकार लें आओ वो जो दूर बहूत दूर जलते जुगनू हैं उनसे तेरा करू श्रृंगार लें आओ ©Qamar Abbas #humतुम