¤¤#गुंज#¤¤ तुम छुपा लोगे खुद को... हर तरिके... भावनाओ पर भी जिल्द लगा लोगॆ पॆरहन से ढँके खुद को..... सभ्य दिखाई दोगे... मगर खोले अगर तुमने अपने जबान वो कर देगा बयां कहा अनकहा सब कुछ... फ़िर सब फ़िका पड़ जाएगा तुम्हें पता भी नहीं चलेगा क्युकि तुमने आईने में सुरत देखा खुद को उसी अंदाज में पुकारा नहीं जैसे गैरो को पुकारते हो ... इक बार पुकार कर देखो... गर नफ़रत ना हो जाये खुद से तो कहना...... ©अंकुर #गुंज तुम छुपा लोगे खुद को... हर तरिके... भावनाओ पर भी जिल्द लगा लोगॆ पॆरहन से ढँके खुद को..... सभ्य दिखाई दोगे... मगर खोले अगर तुमने अपने जबान वो कर देगा बयां