चल बुनते हैं मिल कर मीठा ,एक ऐसा आकाश बादल जिसमें नूर खिलाएँ, धूप बुझाए प्यास हो जिसका रंग उम्मीद सा गहरा, प्रज्वल अटल प्रकाश सायों के सीने में फूँक से, जो उज्जवल विश्वास हाथ साध कर सिद्ध करे जो, पैरों का हुनर तराश चाँद से चांदी बन जाए गर हो कोई कयास चल बुनते हैं मिल कर मीठा , एक ऐसा आकाश बादल जिसमें नूर खिलाएँ, धूप बुझाए प्यास