2 शीर्षक - "मन" की बात (महल और कुटिया) बोलो तो कुछ खास सुनाऊंँ, दिल के सारे राज सुनाऊंँ। अपनी ख़ुद की आत्मकथा या मजलूमों की आवाज सुनाऊंँ। या सुनाऊंँ उन चिड़ियों का हाल, जिसके बच्चे खा गए सांँप। या समुद्र के छोटे जीवों पर, हो रहे अत्याचार सुनाऊंँ।। रकीबों की शान शाही सुनाऊंँ या जानता की अरदास सुनाऊंँ। गगनचुंबी इमारतें या कुटिया की आवाज सुनाऊंँ।। बोलो तो कुछ खास सुनाऊंँ, दिल के सारे राज सुनाऊंँ। अपनी ख़ुद की आत्मकथा या मजलूमों की आवाज सुनाऊंँ। आज के भीष्म पितामहों के अंतर्मन की बात सुनाऊंँ। या चक्रव्यूह में फंसे हुए सम्पूर्ण मानव का हाल सुनाऊंँ। आज मंगल पर पहुंँच चुके विज्ञान का चमत्कार सुनाऊंँ। या विज्ञान के कारण रो रहे मानव का हाल सुनाऊंँ।। बोलो तो कुछ खास सुनाऊंँ, दिल के सारे राज सुनाऊंँ। अपनी ख़ुद की आत्मकथा या मजलूमों की आवाज सुनाऊंँ। आज आधुनिकता में हो रहे नए नए अविष्कार सुनाऊंँ। या आधुनिकता में भूल रहे रघुकुल के संस्कार सुनाऊंँ।। बोलो तो कुछ खास सुनाऊंँ, दिल के सारे राज सुनाऊंँ। अपनी ख़ुद की आत्मकथा या मजलूमों की आवाज सुनाऊंँ। इस मैकाले शिक्षा पद्धति के हो रहे दुष्प्रभाव सुनाऊंँ। या शिक्षा के नाम पर चल रहे बड़े बड़े व्यापार सुनाऊंँ। मीठे, कड़वे और फिके यहांँ सभी जज़्बात सुनाऊंँ। मै "मन" मन की बात में सभी के मन बात सुनाऊंँ। #_मन_की बात #yqdidi #मौर्यवंशी_मनीष_मन #दिल_की_बात #mazloom #garibi #जीवन_का_सत्य