जो टूट के आसमान में बिखर गये, वो सितारे ही थे......... जीते जी हमें मार गये, वो तेरी आँखों के इशारे ही थे...... उभर भी पाते इन हादसों से तो कैसे..... हर तरफ तुम्हारे नज़ारे थे..... एक हम ही तलबगार रहे इन बाहों के..... बाकि सारे अजनबी तुम्हारे थे ✍️!! ©vishalrjvansh #vishalrajvansh1234 #vishalrajvansh #nojotihindi #nojoto2022 #shayri2022 #updatenojoto #khwaab