मेरे हिस्से में जो नहीं था वो खुद छूट गया यार पहला प्यार कच्चा था रिश्ता टूट गया, मेरे इश्क ए चाक की मिट्टी पाक ना थी शायद तभी तो वफ़ा का हर एक मटका फूट गया, मोहब्बत के बगीचे में एक ही फूल था खिलाया, शायद उसको भी कोई दूसरा माली लूट गया। ✍️©Sabka Suraj - सबका सूरज #sabkasuraj