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"कुछ नहीं" मतलब??" तुम कुछ भी कहते कहते "कुछ नहीं

"कुछ नहीं" मतलब??" 
तुम कुछ भी कहते कहते "कुछ नहीं" कहकर बात क्यों टालते हों..
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कुछ नहीं मतलब... "कुछ नहीं" में छुपा होता है "बहुत कुछ".
जैसे "अब प्यार नहीं करती" में छुपा होता है "प्रेम".
"अब याद नहीं आती" में छुपी होती हैं "बहुत सारी यादें".
"उसे कब का भुला दिया" में छुपी होती हैं "अनगिनत स्मृतियाँ".
जैसे "अब बात नहीं होती" में छुपी होती है ''एक दुखांत प्रेम कहानी"

तुम कैसे कह देती हो कि "बात नहीं बचीं"...इसलिए फोन रख देना चाहिए.
क्या चुप रहना बात करना नहीं?  
सच कहूं तो बालों के सरकने की आवाज को भी मैं घण्टों सुन सकता हूँ. 
तुम घर के काम भी करती रहोगी तो बर्तनों की आवाज सुनकर भी घण्टों बैठा रह सकता हूँ तुम्हारे फोन पर.

ये कोई बात नहीं है कि बात नहीं बचीं तो बात न करें... जब सारी बातें खत्म हो जाएंगी तो मैं तुम्हारे आसपास की आवाजों को ही सुन लिया करूँगा. इसे सुनने के बजाय कि "अब बात नहीं होतीं".

मैं चाहता हूं कि तुम्हारे झुमकों की आवाज को सुनना भी तुमसे बात करने में गिना जाना चाहिए..

©D-राधे #feel #radhe #love
#yadhe #alone
"कुछ नहीं" मतलब??" 
तुम कुछ भी कहते कहते "कुछ नहीं" कहकर बात क्यों टालते हों..
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कुछ नहीं मतलब... "कुछ नहीं" में छुपा होता है "बहुत कुछ".
जैसे "अब प्यार नहीं करती" में छुपा होता है "प्रेम".
"अब याद नहीं आती" में छुपी होती हैं "बहुत सारी यादें".
"उसे कब का भुला दिया" में छुपी होती हैं "अनगिनत स्मृतियाँ".
जैसे "अब बात नहीं होती" में छुपी होती है ''एक दुखांत प्रेम कहानी"

तुम कैसे कह देती हो कि "बात नहीं बचीं"...इसलिए फोन रख देना चाहिए.
क्या चुप रहना बात करना नहीं?  
सच कहूं तो बालों के सरकने की आवाज को भी मैं घण्टों सुन सकता हूँ. 
तुम घर के काम भी करती रहोगी तो बर्तनों की आवाज सुनकर भी घण्टों बैठा रह सकता हूँ तुम्हारे फोन पर.

ये कोई बात नहीं है कि बात नहीं बचीं तो बात न करें... जब सारी बातें खत्म हो जाएंगी तो मैं तुम्हारे आसपास की आवाजों को ही सुन लिया करूँगा. इसे सुनने के बजाय कि "अब बात नहीं होतीं".

मैं चाहता हूं कि तुम्हारे झुमकों की आवाज को सुनना भी तुमसे बात करने में गिना जाना चाहिए..

©D-राधे #feel #radhe #love
#yadhe #alone
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D Radhe

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