सुकून शामों में ढूढता रहा। क्युकी उजालों से डरा था मैं, तुमसे जो मिला सूरज सा चमक उठा था मैं। तलब तुम्हारी थी। वरना जीने किसे है। एक रोज जो तुमसे ना मिले, तो तड़प उठा था मैं। ©alphaz95 #sayari #sayari_lover #sayarioftheday #gumnaam #sayari #sayar_ki_mohobbat #MereKhayaal