***अतिक्रोध के नुक़सान *** निजी और करीबी रिश्तों में दूरियां बढ़ना और अलगाव की स्थिती पैदा होना .यह सब अति क्रोध के उदाहरण है क्रोध का दुसरा सगा भाई है इगो अर्थात अहम या अपने आप को श्रेष्ठ मानने का भाव कि मैं ही हर हाल में सही दुसरा हमेशा ही गलत मैं गलत हूँ तब भी ................ poora lekh caption men padhe ***अतिक्रोध के नुक़सान *** निजी और करीबी रिश्तों में दूरियां बढ़ना और अलगाव की स्थिती पैदा होना .यह सब अति क्रोध के उदाहरण है क्रोध का दुसरा सगा भाई है इगो अर्थात अहम या अपने आप को श्रेष्ठ मानने का भाव कि मैं ही हर हाल में सही दुसरा हमेशा ही गलत मैं गलत हूँ तब भी सही .हँसी आती है ऐसे लोगो पर ऐसे लोग अपनी निजी ज़िन्दगी को दयनिय बना लेते हैं और अपने साथ रहने वालों की भी .लोंगो को जब किसी भी मनुष्य की कमजोरी का पता चल जाता है तब उसकी कमजोरी का वे फायदा उठाते हैं और उस मूर्ख इंसान को यह पता भी चल जाता है फिर भी वह अपनी आदतों को सुधारने के बजाय उन अपनो से लड़ता है और उन्हें अधिक से अधिक नुक़सान पहुँचाता है जो उन्हें बिना किसी स्वार्थ के उसे चाहते है अति किसी भी चीज की हो सिर्फ नुक़सान का कारण बनती है जैसे अधिक बोलना ,बात -बात पर क्रोध करना , अधिक सोचना,अधिक भोजन इत्यादी इन्द्रियों और भावनाओं काबू रख कर किया गया कार्य हमेशा शुभ फलदाई होता है। अगर जीवन में हम अपनी हर भावना का फिर वो चाहे प्रेम ,इर्ष्या , क्रोध ,जलन ,नफरत ही क्यों न हो अगर सकारात्मक रुप में हों तो फायदा वरना सिर्फ और सिर्फ नुकसान नहीं विनाश होता है और पछताने के अलावा कुछ नहीं बचता आजकल लोग किसी भी कार्य को करने से पहले सोच य़ा विचार नहीं करते इसलिये परिणाम विपरित होता है। कहा भी गया है बिना विचारे जो करे सं पाछे पछताय ,काम बिगारे आपणो जग में होत हँसाय इसलिये सोच समझ कर ही किसी भी बात का प्रतिउत्तर देने में समझदारी मानी जाती है और ऐसे ही लोग सफल जीवन व्यतित करते हैं इसलिये जितने गिनती के शेर बचे हैं उतने ही शायद ऐस तरह के समझदार व्यक्ति भी बचे हैं ज़िनमे सोच - विचारकर हर तरह के माहौल को संभालना आता है क्योंकि सोच - समझ के साथ ही धैर्य और सहनशीलता भी उतनी ही आवश्यक है जो की लोंगों में न के बराबर है अगर इन सारी बातों पर गौर किया जाय और अपने आप को ऐस तरह ढ़ालें की हमें अपने निर्णय और कार्य दोनो पर भविष्य में गर्व हो न की पछतावा . जीवन में अपने आप ही मधुरता ,मीठास ,सामंजस्य और सबसे महत्वपूर्ण शांति जिसकी खोज में बाहर भटकते हैं अपने आप ही आ जायेगी कहीं खोजने की ज़रूरत ही नहीं #NojotoHindi #Angar #hurting #relationship