दुनिया के मेले में, दिल का दुकान लगाए बैठे थे, ग्राहक के इंतज़ार में, अपने सपने सजाए बैठे थे। कोई खरीददार आया, मेरे दिल का मोल कर गया, सपनों का सौदागर बनकर, सबकुछ लुटाए बैठे थे। 🌝प्रतियोगिता-70 🌝 ✨✨आज की रचना के लिए हमारा शब्द है ⤵️ 🌹"दुनिया के मेले"🌹 🌟 विषय के शब्द रचना में होना अनिवार्य नहीं है I कृप्या केवल मर्यादित शब्दों का प्रयोग कर अपनी रचना को उत्कृष्ट बनाएं I