मन को समझा लिया, तेरा जिंदगी में ना होना स्वीकार लिया, अकेलेपन को तन्हाइयों में बांट दिया, लेकिन दिल के अंदर का शोर का क्या? जब भी उसे अपनाने की बात थी, तब मन हां बोल रहा था और दिल ना, दिल की बात को अनसुनी करके, मैंने कि अपने ही मन की मनमानी। भूल मन की थी, इसीलिए मन को तो समझा लिया मैंने, लेकिन इस दिल जलते हुए शोले का क्या, अब इसे कैसे और कौन शांत करें। वक़्त ने जख्म दिए तो, शायद वक़्त ही इसे शांत कर पाएगा, लेकिन मेरा शांत हुए किरदार, क्या फिर से जी पाएगा? -Nitesh Prajapati (Niharsh) ♥️ मुख्य प्रतियोगिता-1116 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें! 😊 ♥️ इस महीने दिल खोलकर लिखें। 😊 #अंदरकाशोर #मुख्यप्रतियोगिता #KKC1116 #YQDIDI #कोराकाग़ज़ #YourQuoteAndMine Collaborating with कोरा काग़ज़