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ख़्वाब तुम्हारे अपने सिराहने, अक्सर रखकर सोता हूं म

ख़्वाब तुम्हारे अपने सिराहने,
अक्सर रखकर सोता हूं मैं.........
हर रात सिसक-सिसक कर,
तुम्हारी यादों में रोता हूं मैं..........
अपनी हर महफ़िल में तुम्हारी,
बेहिसाब तारीफ़ें करता हूं मैं.......
तुम्हें ऐसे बदनाम करने वाला,
आखिर कौन होता हूं मैं............

©Poet Maddy ख़्वाब तुम्हारे अपने सिराहने,
अक्सर रखकर सोता हूं मैं.........
#Dreams##Sobbing#Night#Memories#Gathering#Praise#Defame........
ख़्वाब तुम्हारे अपने सिराहने,
अक्सर रखकर सोता हूं मैं.........
हर रात सिसक-सिसक कर,
तुम्हारी यादों में रोता हूं मैं..........
अपनी हर महफ़िल में तुम्हारी,
बेहिसाब तारीफ़ें करता हूं मैं.......
तुम्हें ऐसे बदनाम करने वाला,
आखिर कौन होता हूं मैं............

©Poet Maddy ख़्वाब तुम्हारे अपने सिराहने,
अक्सर रखकर सोता हूं मैं.........
#Dreams##Sobbing#Night#Memories#Gathering#Praise#Defame........
manishsaini7413

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