तू अपना काम करता चल, तू अपना काम करता चल ईमानदारी से ,तुझे मिली पहचान ही उन सवालों के जवाब दे जाएगा।लड़खड़ाए लाख़ कदम इन पथरीले रास्तों पर,तुझे मिलने वाला आसमान ही हर किस्से का हिसाब दिखाएगा।। मन तेरा घबराएगा डर तुझे डराएगा,हर बार हार मानना तुझे कुछ कदम पीछे ले आएगा, मान के ये संघर्ष जो खुद को बना ले शस्त्र तू,छोड़ लोगों की खुदा भी तुझे कहाँ तोड़ पाएगा।।जो ये लगे की रुकूं यहीं आगे मंजर कांटों भरे, इक साँस तो भर नई उन मुश्किलों से तू लड़ जाएगा।तेरे होंसलों की ज़मीन सबने कहांँ देखी है,तू झुक नहीं हालातों से यहांँ कल तेरा इक सितारा जगमगाएगा।।जब लगे की जंग है शब्दों के तीर की,तू मौन रख तेरा काम ही तेरे जीतने के आसार दिखाएगा।चल एक बार फिर ऐलान-ए-जंग कर दे, इस बार तू नहीं तेरा नाम शोर मचाएगा।।