चल ले चल मुझे अब, दिल यहाँ नहीं लगता है, मुर्दों की बस्ती है ये, यहाँ कोई नहीं जगता है। अँधेर नगरी है ये, न्याय की उम्मीद नहीं मुझे, जिसपर करो विश्वास, वही अधिक ठगता है। 🌝प्रतियोगिता-94 🌝 ✨✨आज की रचना के लिए हमारा शब्द है ⤵️ 🌹"चल ले चल मुझे"🌹 🌟 विषय के शब्द रचना में होना अनिवार्य नहीं है I कृप्या केवल मर्यादित शब्दों का प्रयोग कर अपनी रचना को उत्कृष्ट बनाएं I