अच्छा ही है तुम नही हो अब.. पहले बहुत डर लगता था। इतना डर मानो जान निकल जायेगी तुम्हारे रूठ जाने से.. बहुत बार हाँ... बहुत बार मैंने खुदको मनाया है तुम्हे मनाने के लिए... झुकाया है खुद को ताकि तुम हमेशा अपने आप को उठा हुआ ही महसूस करो...🙃 छोड़ना तो कभी चाहता ही नहीं था मैं तुम्हें...सच मे तुम्हारी कसम... न कभी किसी को तो इतनी अहमियत दी कि कोई मेरा वो खालीपन भर पाए जो तेरी कमी से था... पर....मुझे अब समझ आता है...प्यार तो बहुत पहले ही खत्म हो गया था हमारे बीच... बचा था तो बस शिकायते,उलझने,कशमकश और इन सब मे बस तुझे खो देने का डर। जिंदगी अब भी वैसी ही है अकेली पर कुछ नही है तो बस तुम और वो भम्र जो तुम्हे सोचकर होता था खुद के लिए की तुम भी मुझे चाहते हो।😒 पर पता है क्या...मैं खुश हूँ , न होने पर भी तुम्हारे... अब अपनी उदासियों में अपनी कहानियो में और तुम्हारी कमी .........वो तो तब भी थी जब तुम थे और हमेशा रहेगी।😔 #ख़ैर ©पूर्वार्थ