चाँदनी रात में पहेली मुलाकात का होना लाज़मी था जब थामा था गर्दिश में मेरा हाथ। चांदनी रात में सपनों का सच होना लाज़मी था जब चले सुनहरे सफ़र पर एक दूसरे के साथ चांदनी रात में पहेली बार जब तुमने थामा मेरा हाथ,मिली नसीब में एक रोटी जब खाए हम दोनों मिलकर एक साथ, जैसे आधी रोटी पूरा चाँद #love#writer#sad#poem