सिंदूरी आभा ओढ़ सवेरे सजा धजा मुस्काए चढ़ किरणों का रथ सूरज, भोर नवेली लाए कनक कनक इतराते बदरा चूमे अंबर नील चढ़ा वर्क सोने का दमके दर्पण गहरी झील पवन पिरोती साज सलोने घंटी और आज़ान गुड़ घोले गुरबाणीं चख ले यही है हिन्दोस्तान सबा सलोनी मिट्टी की गुल साँस में महकाए सिंदूरी आभा ओढ़ सवेरे सजा धजा मुस्काए हाँ मैं हिन्दोस्तान सहर सलोनी #kavishala #hindinama #nojotopune #skand #insight #eyeforindia #eye_for_india #han_main_hidostan #sahar_saloni #सहर_सलोनी