मै हूं भवरा एक पागल सा, सुन - सान जगह पे खोया हूं। अपनों के लिए गैरो के लिए आज जी भर के मै रोया हूं। मंजिल का पता ना खुद का पता मै किन सपनों में खोया हूं। इन पत्तों से इन फूलों से मै किस बात पे आके उलझा हूं। आज जी भर के मै रोया हूं। मै टूटा हूं मै हारा हूं कि मै जिंदा हूं या मरा हूं। इस बात से उसको फर्क नहीं किस कांटो से मै घायल हूं। मै भवरा हूं एक पागल सा ©mr. afb #SAD #sad_poetry #sad_love #sad_lines #sad_shayari #Sad_Killer_Shayari #best_poetry #Best_shayari