कुछ आशियाने कुछ पैमाने तो कुछ की हुई उनसे हमारी फरियादे ना जाने क्यूं लगता है अब सब कुछ खाक में मिल गए वो जमाने भर की आशिक़ी हमारी या कहूं उनकी बंद आंखों में दीवानगी जय की लगता है अब शाख पत्तों के अब पतझड़ बन गए सब कुछ खाक में मिल गए✍️✍️ मेरी कलम✍️✍️ ये दुनिया है, यहाँ क्या-क्या नहीं ख़ाक में मिल जाता। #ख़ाकमेंमिलगए #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #खाकमेंमिलगए #yqbaba #yqtales