ख़्वाब शज़र के मानिंद नहीं , लम्हों का जादू तो बहाना हि था ,, कुछ सच था या कुछ सच नहीं , नजरों के आगे जमाना हि था ,, ना-समझी थी ईश्क़ हमारा मैदान नहीं , फिर हमको हार जाना ही था ,, उसके जाने का भी मलाल नहीं ! वो आई थी तो जाना हि था , #उसेजानाहीथा #aashishshrivas