#OpenPoetry हमारे करीब से जरा फासला, बनाकर गुजरना! जनाब, टूटे हुए कांच अक्सर लहूलुहान कर दिया करते हैं... सुषमा मलिक "अदब" ✍🏻 #Hmare_krib_se_jra_fasla_bnakr_,niklna #SushmaMalik