Nojoto: Largest Storytelling Platform

तमाम उम्र बीत गई मुझे मिटाने में सिर्फ इश्क़ ही तो

तमाम उम्र बीत गई मुझे मिटाने में
सिर्फ इश्क़ ही तो था मेरे मयखाने में
नाचीज़ की हरामपंथी तो बिल्कुल नहीं थी
फिर क्यों जुगत की लोगों ने
मुझे मिटाने की इस ज़माने में।

रोज़ सिर्फ एक ही बोतल खोलता
चन्द घंटों मैं निहारते हुए बंद कर देता
सिलसिला ये रोज़ाना होता
मेरे अपने ज़माने में
फिर क्यों जुगत की लोगों ने
इस ज़माने ने मुझे मिटाने में।

सिर्फ एक उसी बोतल की खातिर
बहुत सज़ा पा चुका
उससे किए हर वादों को निभा चुका
अब उसकी फुरकत तो देखो
इश्क़ मेरे से लड़ाई है
मेरे अलावा हाथ किसी और ने कैसे लगाई है
अब जुगत की ज़रूरत नही लोगों
मुझे बस मिटा ही डालो इसी ज़माने में। #उम्र #इश्क #मयखाना #बोतल #सिलसिला #वादा
#yqdidi #yqhindi 

𝘠ourQuote Didi 
Vaibhav Dev Singh
तमाम उम्र बीत गई मुझे मिटाने में
सिर्फ इश्क़ ही तो था मेरे मयखाने में
नाचीज़ की हरामपंथी तो बिल्कुल नहीं थी
फिर क्यों जुगत की लोगों ने
मुझे मिटाने की इस ज़माने में।

रोज़ सिर्फ एक ही बोतल खोलता
चन्द घंटों मैं निहारते हुए बंद कर देता
सिलसिला ये रोज़ाना होता
मेरे अपने ज़माने में
फिर क्यों जुगत की लोगों ने
इस ज़माने ने मुझे मिटाने में।

सिर्फ एक उसी बोतल की खातिर
बहुत सज़ा पा चुका
उससे किए हर वादों को निभा चुका
अब उसकी फुरकत तो देखो
इश्क़ मेरे से लड़ाई है
मेरे अलावा हाथ किसी और ने कैसे लगाई है
अब जुगत की ज़रूरत नही लोगों
मुझे बस मिटा ही डालो इसी ज़माने में। #उम्र #इश्क #मयखाना #बोतल #सिलसिला #वादा
#yqdidi #yqhindi 

𝘠ourQuote Didi 
Vaibhav Dev Singh